Chand Naraz Hai Lyrics this song is sung by Abhi Dutt, composed by Vikram Montrose & lyrics are penned by Azeem Shirazi, this song featured by Mohsin Khan & Jannat Zubair Rahmani.
Chand Naraz Hai Lyrics In English:
Verse 1
Jis Subha Main Tujhe
Ek Nazar Dekh Loon
Sara Din Phir Mera
Aacha Guzarta Hai
Har Kisi Ke Liye
Ye Dhadakta Nahi
Bas Tujhe Dekh Kar
Dil Dhadakta Hai
Chorus
Teri Har Baat Mein
Zikr Tera Karu
Teri Tarif Se
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Teri Parwah Karu
Ya Karu Chand Ki
Kya Karu Mein Aagar
Chand Naraz Hai
Ishq Pehla Bhi Tu
Ishq Aakhir Bhi Tu
Tujhpe Dil Aagaya
Dil Dhoka Baz Hai
Ek Thi Saad Bhi Woh
Tere Jaisa Nahi
Bas Yehi Soch Kar
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Huming….
Verse 2
Haan Zarurat Se Bhi
Zayada Teri Zarurat Hai
Tu Hi Dil Ki Mere
Pehli Mohabbat Hai
Ishq Jayada Se Bhi Jayada
Tujhse Mein Karta Hun
Kuch Na Kuch Hai Wajha
Tere Hi Harqat Hai
Dil Mera Pal Mein
Har Faisala Kar Gaya
Bas Tujhko Dekha Phir
Tujhpe Mar Gaya
Dhadkano Ko Meri
Dil Sunata Hai Jo
Tujhko Malun Hai
Tu Wohi Saash Hai
Chorus
Chand Naraz Hai
Chand Naraz Hai
Dil Dhoka Baz Hai
Chand Naraz Hai
Teri Parwah Karu
Ya Karu Chand Ki
Kya Karu Mein Aagar
Chand Naraz Hai
Ishq Pehla Bhi Tu
Ishq Aakhir Bhi Tu
Tujhpe Dil Aagaya
Dil Dhoka Baz Hai
Ek Thi Saad Bhi Woh
Tere Jaisa Nahi
Bas Yehi Soch Kar
Chand Naraz Hai
Huming….
Chand Naraz Hai Lyrics In Hindi
आन्तरा १
जिस सुबह मैं तुझे
एक नज़र देख लूँ
सारा दिन फिर मेरा
आचा गुज़रता है
हर किसी के लिए
ये धड़कता नहीं
बस तुझे देख कर
दिल धड़कता है
मुखरा
तेरी हर बात में
ज़िक्र तेरा करू
तेरी तारीफ से
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
तेरी परवाह करूँ
या करू चाँद की
क्या करू में अगर
चाँद नाराज़ है
इश्क़ पहला भी तू
इश्क़ आख़िर भी तू
तुझपे दिल आगया
दिल धोका बाज़ है
एक थी साद भी वह
तेरे जैसा नहीं
बस यही सोच कर
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
आन्तरा २
हाँ ज़रूरत से भी
ज़यादा तेरी ज़रूरत है
तू ही दिल की मेरे
पहली मोहब्बत है
इश्क़ जयादा से भी ज्यादा
तुझसे में करता हूँ
कुछ न कुछ है वजह
तेरे ही हरक़त है
दिल मेरा पल में
हर फैसला कर गया
बस तुझको देखा फिर
तुझपे मर गया
धड़कनों को मेरी
दिल सुनाता है जो
तुझको मालून है
तू वही साश है
मुखरा
चाँद नाराज़ है
चाँद नाराज़ है
दिल धोका बाज़ है
चाँद नाराज़ है
तेरी परवाह करूँ
या करू चाँद की
क्या करू में अगर
चाँद नाराज़ है
इश्क़ पहला भी तू
इश्क़ आख़िर भी तू
तुझपे दिल आगया
दिल धोका बाज़ है
एक थी साद भी वह
तेरे जैसा नहीं
बस यही सोच कर
चाँद नाराज़ है